भारत का आखिरी गावँ जहाँ से जाता है स्वर्ग का रास्ता , इसकी सुंदरता सबको अपने तरफ कर लेती है आकर्षित

भारत का आखिरी गावँ : क्या आपने कभी सोचा है भारत का आखिरी गावँ कौन सा है , अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको बताएंगे इस गावँ की संस्कृति और सुंदरता के बारे मे जिसके वजह से लोग इसके तरफ खींचे चले जाते है है । इस गावँ को स्वर्ग का मार्ग भी कहा जाता है ।
भारत का आखिरी गावँ
क्या आपने कभी सोचा है की भारत का वह कौन सा गावँ उसका आखिरी गावँ है और वहाँ पर लोग कैसे रहते होंगे उनका जीवन कैसा होगा ? आज हम इसी अनोखे गावँ के बारे मे बात करेंगे जहाँ से स्वर्ग का रास्ता भी होकर जाता है । इस गावँ की सुंदरता को देखने के लिए यहाँ हमेशा भीड़ जमी रहती है ।
कौन सा गावँ है देश का आखिरी गावँ है
हम बात कर रहे हैं भारत के आखिरी गांव माणा की। माणा को देखने भारत ही नहीं दूसरे देशों से भी लोग आते हैं। माणा भारत का अंतिम गांव, बद्रीनाथ से 3 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव समुद्र तल से 19,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और भारत और तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है। इस गावँ मे हर साल लाखों की तादाद मे लोग भारत और विदेशों से आते है यह विदेशी यात्रियों के लिए सबसे पसंदीदा जगह है ।
माणा की संस्कृति
माणा गांव अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कई अन्य आकर्षक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। रादम्पा जाति इस गाँव में निवास करती है। यह पहले कई लोगों के लिए अज्ञात था, लेकिन पक्की सड़कों के निर्माण ने इसे और अधिक सुलभ और प्रसिद्ध बना दिया है। जिसके वजह से आज सभी लोग इस गावँ के बारे मे जानते है और हर कोई यहाँ जीवन मे एक बार जरूर जाना चाहता है ।
यह गांव सरस्वती और अलकनंदा नदियों के संगम समेत कई खूबसूरत नजारों को समेटे हुए है। इसके अलावा, यहां कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं हैं जो आगंतुकों की भीड़ को अपनी ओर खींचती हैं। कहा जाता है कि पांडव भीमपुल के रास्ते अलकापुरी गए थे। आज भी लोग इस रास्ते को स्वर्ग के रास्ते के तौर पर जाना करते हैं। यह भी कहा जाता है कि जब पांडवों ने पुल को पार किया तो दो पहाड़ियों के बीच एक खाई थी। भीम ने एक चट्टान फेंकी जो एक पुल में बदल गई, जिससे इसे पार करना संभव हो गया।