
इरफान पठान : इरफान खान एक भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने 13 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और वह जाने माने क्रिकेटर बने लेकिन कभी वह बहुत गरीब हुआ करते थे जिनके पास खुद का घर नहीं था। आज उनके सफर के बारे मे बात करेंगे ।
इरफान पठान
इरफान खान को कपिल देव के बाद भारत से उभरने वाले सबसे प्रतिभाशाली स्विंग और सीम गेंदबाजों में से एक माना जाता था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ वर्षों के भीतर, उन्हें हरफनमौला विभाग में कपिल के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में माना जाने लगा। पठान ने बहुत तेजी से छाप छोड़ी और भारत के नए गेंदबाज बन गए। हालांकि पठान ने अचानक 2005 तक अपनी स्विंग खो दी और अपने निराशाजनक प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया।

इरफान ने 13 साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था
इरफान पठान एक भारतीय क्रिकेटर हैं जिनका जन्म 27 अक्टूबर 1984 को बड़ौदा गुजरात में हुआ था। बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज पठान अपने बड़े भाई यूसुफ के साथ एक जवाइन्ट परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता महमूद खान पठान उसी मस्जिद में काम करते थे जिसमें यूसुफ़ पढ़ाई करते थे। दोनों भाइयों को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था।
इरफान पठान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बड़ौदा के मेस हायर सेकेंडरी स्कूल में पूरी की। पढ़ने के अलावा वे क्रिकेट भी खेलते थे। पहले तो उन्होंने गेंदबाजी की लेकिन इससे उनके प्रदर्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। फिर उन्होंने बल्लेबाजी शुरू की और एक अच्छे बल्लेबाज और गेंदबाज बने। इरफान ने 13 साल की छोटी उम्र में जूनियर क्रिकेट में अपने कौशल का विकास किया। उन्होंने उम्र से पहले ही अंडर-14, अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 टीमों में अच्छा प्रदर्शन किया। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से उनके प्रदर्शन में सुधार हो रहा था।

इरफान खान का परिवार
उनके परिवार में उनके पिता महमूद खान पठान, मां समिम्बानू पठान और उनके भाई यूसुफ पठान और उनकी छोटी बहन शगुफ्ता पठान शामिल हैं। इरफान ने 4 फरवरी 2016 को मक्का में सफा बेग से शादी की और 20 दिसंबर 2016 को उनका एक बेटा हुआ जिसका नाम इमरान खान पठान है।

इरफ़ान पठान के परिवार को बचपन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था जिसके कारण उनके लिए कई मुश्किलें आईं। उनके पास अपना घर भी नहीं था और उनका परिवार मस्जिद के एक कमरे में रहता था जहाँ उनके पिता एक मौलवी के रूप में काम करते थे। इन कठिनाइयों के बावजूद इरफ़ान पठान ने एक पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में एक सफल करियर बनाया।

क्रिकेट मे उनका योगदान
जनवरी में 2011 की आईपीएल नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स द्वारा 1.9 मिलियन डॉलर में खरीदे जाने के बावजूद उन्होंने 2011-12 की रणजी ट्रॉफी के दौरान अपना प्रभाव जारी रखा और टूर्नामेंट के चार राउंड के बाद अग्रणी विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे। उन्हें दिसंबर 2011 में राष्ट्रीय टीम में वापस बुला लिया तब उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी दो एकदिवसीय मैचों के लिए चुना गया।

इरफान ने टी20ई मैचों में 24 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वह 2007 की आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 जीतने वाली अपनी भारतीय टीम के सदस्य भी थे। T20 मैच में बल्लेबाजी करते हुए इरफान ने कुल 172 रन बनाए उनका उच्चतम स्कोर 33 रन रहा। गेंदबाजी करते हुए उन्होंने अपने 24 मैचों में 28 विकेट लिए। इस प्रारूप में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 16 रन देकर 3 विकेट था।
इरफान पठान ने 4 जनवरी 2020 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने अपना आखिरी आईपीएल 2017 में खेला और पिछली तीन आईपीएल नीलामियों में अनसोल्ड रहे। संन्यास लेने के बाद उन्होंने क्रिकेट कॉमेंट्री करना शुरू कर दिया ।