लता मंगेशकर रही ताउम्र बिना शादी के, जाने क्या हैं इसके पीछे का कारण

लता मंगेशकर : लता मंगेशकर को कौन नहीं जानता एक जमाने मे लोग उनके दीवाने हुआ करते थे। लता दीदी ने अपने जीवन मे बहुत सारी उपलब्धीयों को प्राप्त किया लेकिन प्यार पाने मे उतनी ही असफल रही । आज हम उनके इसी अधूरे और अनसुने प्रेम कहानी पर चर्चा करेंगे ।
लता मंगेशकर
लता मंगेशकर बॉलीवुड की दुनिया में जन्म लेने वाली कई दिग्गजों में से एक हैं। उन्हें ‘स्वर कोकिला’ या ‘सुरों की मलिका’ जैसे टैग दिए गए हैं और उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन गाने गाए हैं, जिसमें उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी है। बीते दिन पूरा बॉलीवुड उस वक्त सदमे में चला गया जब लता मंगेशकर ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आज की इस पोस्ट में हम आपको लता मंगेशकर की उस अनसुनी प्रेम कहानी के बारे में बता रहे हैं, जो हमेशा के लिए अधूरी रह गई। लता मंगेशकर के चाहने वाले देश ही नहीं पूरी दुनिया में फैले हुए हैं और उनकी संख्या लाखों में है। लता न सिर्फ अपने प्रोफेशनल करियर बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों मे रही है । लता मंगेशकर को अपने जीवन में हमेशा अकेले रहना पड़ा क्योंकि वह न चाहते हुए भी हमेशा प्यार के लिए तरसती रहीं।

9 साल के उम्र से हुई करियर की शुरुवात
लता मंगेशकर का जन्म का नाम हेमा मंगेशकर था। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। लता को गायन का हुनर अपने पिता और संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर से मिला। पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी और कोंकणी संगीतकार, गायक और अभिनेता थे। लता मंगेशकर ने महज 9 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। पहली बार लता मंगेशकर ने कोल्हापुर के कॉन्सर्ट में शिरकत की थी और अपनी आवाज का जादू सभी पर चलाया था । इसी बीच लता मंगेशकर के पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद सारी जिम्मेदारी लता मंगेशकर के कंधों पर आ गई।
लता मंगेशकर की अधूरी प्रेम कहानी
एक गायिका के रूप में लता मंगेशकर की सफलता अद्वितीय थी, और वह प्यार पाने में उतनी ही असफल थीं। वास्तव में, उनकी आवाज़ उस समय बॉलीवुड में इतनी पूजनीय थी कि वह कई लोगों के लिए प्रेम की मूर्ति बन गईं। लता मंगेशकर एक शख्स की इतनी दीवानी थीं कि उन्होंने कभी शादी ही नहीं की। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह थे। राज सिंह डूंगरपुर के महाराजा भी थे। जब लता मंगेशकर पहली बार राज सिंह से मिलीं तो उन्हें तुरंत पसंद आ गईं। लता मंगेशकर की आवाज से राज सिंह भी प्रभावित हुए।

अपने फ्रेंड के घर दोनों मिलते थे
राज सिंह और लता मंगेशकर ज्यादातर हृदयनाथ मंगेशकर के घर पर मिलते थे, जो दोनों के कॉमन फ्रेंड भी थे। राज सिंह और लता मंगेशकर की आपस में अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी और कई मुलाकातों के बाद दोनों एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे थे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राज सिंह प्यार से लता मंगेशकर को “मिठू” बुलाते थे और उनकी जेब में हमेशा लता मंगेशकर के गानों की एक कैसेट रहती थी, जिसे वह हर समय सुनते रहते थे। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि दोनों एक दूसरे से शादी करने की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन राज सिंह के पिता महारावल लक्ष्मण सिंह ने शादी के लिए हामी नहीं भरी।
ताउम्र रहे दोनों कुंवारे
राज सिंह अपने पिता का बहुत सम्मान करते थे, इसलिए उन्हें उनके फैसले को स्वीकार करना पड़ा लेकिन उन्होंने साथ मे यह भी फैसला लिया की जीवन भर रहेंगे कुँवारे । राज के साथ , लता मंगेशकर ने भी शादी न करने का फैसला किया और वह जीवन भर इस पर टिकी रहीं। लता मंगेशकर ने अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने भाई-बहनों की परवरिश की और जीवन मे आगे बढ़ने मे उनकी मदद की। राज सिंह 12 सितंबर, 2009 को अल्जाइमर से लड़ते हुए गुजर गए और लता मंगेशकर का निधन 6 फरवरी, 2022 को हो गया। हालाँकि वे जीवित रहते हुए एक साथ नहीं रह पाए, लेकिन उनकी अधूरी प्रेम कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा रही है।