
ईशान किशन :ईशान किशन को कौन नहीं जानता वे बहुत उम्दा बल्लेबाज है साथ ही एक अच्छे और सच्चे इंसान भी है । आज हम जानेंगे ईशान किशन के गुरु कौन थे और इनके आदर्श कौन है जिनको देख इनको खेलने की प्रेरणा मिली । इनके दोस्त क्या कहते है इनके बारे मे ।
ईशान किशन
बिहार के ईशान किशन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार पारी खेलकर इतिहास रच दिया, जिससे लोगों को बिहार की क्षमता पर विश्वास हो गया. उनकी सफलता उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण है। उनके पहले गुरु ने उन्हें बल्ला पकड़ना सिखाया, और उनके दोस्तों ने उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक सभी कौशल सीखने में मदद की।

पहले गुरु
ईशान को क्रिकेट खेलना सिखाने वाले पहले व्यक्ति अमीकर दयाल थे। जब ईशान महज छह साल के थे, तब अमीकर दयाल उन्हें पटना के मोइनुल हक स्टेडियम ले गए और नेट्स में अभ्यास करना सिखाया। इसके बाद सालों तक ईशान अमीकर दयाल की क्रिकेट एकेडमी में जाते रहे।
ईशान ने अपने कोच अमीकर दयाल से क्रिकेट खेलना सीखा और आज उनके कोच को उन पर बहुत गर्व है। ईशान क्रिकेट में अच्छा कर रहे हैं और अपने कोच और बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं।

उनके दोस्त भी उनके साथ खेलना चाहते है
ईशान 17 साल से नेट्स में कड़ी मेहनत कर रहा है और बाकी सभी के चले जाने के बाद भी वह अपने कौशल को सुधारने के लिए घंटों अभ्यास करता रहता है। अमीकर दयाल सहित उनके दोस्तों को उन पर बहुत गर्व है। उनके दोस्त मोइनुल हक स्टेडियम में अभ्यास कर रहे साकेत और सचिन कहते है की उनका भी सपना है भारत के लिए खेलना ।
कौन है इनके आदर्श
सचिन ईशान के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक हैं जो नेट अभ्यास के दौरान और निजी जीवन में उनके साथ समय बिताते हैं। सचिन का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर और बाएं हाथ के बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट उनके आदर्श रहे हैं, और गिलक्रिस्ट को टेलीविजन पर क्रिकेट खेलते देखकर ही सचिन को खुद क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली। सचिन रणजी ट्रॉफी खेल चुके हैं और अब उनका एक ही सपना है कि वह अपने दोस्त ईशान की तरह भारत के लिए क्रिकेट खेलें।