एजुकेशन

आईएएस बनने का ऐसा बेमिसाल जज्बा कि 55 लाख की नौकरी के लिए किया इनकार, फिर ऐसे बने आईएएस 

देसाई अजमेर और कोटा में स्कूल गए। फिर उन्होंने IIT-JEE की परीक्षा दी और IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

यूपीएससी CSC मे  29वां रैंक पाने वाले भविष्य देसाई

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे जब घोषित हुए तो राजस्थान की भविष्य देसाई देश में 29वें स्थान पर रहीं। भविष्य कहानी एक भारतीय सिविल सेवक की कहानी है, जिसने एक उच्च-वेतन वाली कॉर्पोरेट नौकरी के बजाय एक प्रतिष्ठित नौकरी को चुना। देसाई ने एक शेयर बाजार फर्म में नौकरी छोड़ दी जिसने उन्हें में करियर बनाने के लिए प्रति वर्ष 55 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा था । 

bhavishya desai

अजमेर शहर से ताल्लुक रखने वाले देसाई की नजर कॉलेज में यूपीएससी (यूनाइटेड स्टेट्स पब्लिक सर्विस कमीशन)मे जाने पर थी। और अधिक तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ना एक बड़ा जोखिम है, लेकिन देसाई ने ठान लिया था तो upse ही किया और आज उनको सफलता भी मिली । 

उन्होंने बहुत कठिन अध्ययन किया और उनकी एक सख्त दिनचर्या थी, जिसने उन्हें भारत में एक बहुत कठिन परीक्षा में बहुत अच्छा करने में मदद की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई ध्यान भंग न हो, और वह अपने फोन और सोशल मीडिया से दूर रहे। दो साल के लिए, उन्होंने लगभग केवल वही चीजें कीं जो उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करने में मदद करें।

देसाई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर और कोटा में की। फिर उन्होंने IIT-JEE की परीक्षा पास की और IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान ही उनके दिमाग में सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने का विचार आया। उन्होंने गुरुग्राम की एक ट्रेडिंग फर्म के 55 लाख रुपये के पैकेज ऑफर को ठुकरा दिया।

देसाई भारत के वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर को देखते हैं और उनसे प्रेरित हैं, जो एक सम्मानित पूर्व सिविल सेवक हैं। देसाई ने यूपीएससी को 100 से कम की अखिल भारतीय रैंक के साथ उत्तीर्ण किया, जो कि भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के लिए अर्हता प्राप्त करने का लक्ष्य है।

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