कोरोना ने मचाई पूरी दुनिया मे दहशत, आ गया कोरोना का एक ओर न्यू वर्ज़न

Covid Message on Whatsapp:
BF.7 नाम का नया कोरोना वैरिएन्ट घातक है, और कुछ जगहों पर यह काफी अराजकता पैदा कर रहा है। भारत कुछ जगहों में यह पाया गया है और सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, कुछ लोग अभी भी सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, इसलिए सावधान रहना जरूरी है। यह मैसेज बिल्कुल गलत है लेकिन सबको सावधान भी रहना है क्यूंकी इसका प्रसार बहुत तेजी से होगा ।
कुछ लोग कह रहे हैं कि कोविड के एक्सबीबी वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद किसी को कफ और बुखार नहीं हो रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह जानकारी भ्रामक है और ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।
#FakeNews
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) December 22, 2022
This message is circulating in some Whatsapp groups regarding XBB variant of #COVID19.
The message is #FAKE and #MISLEADING. pic.twitter.com/LAgnaZjCCi
क्या है सच्चाई?
BA.5 वायरस का BF.7 ऑमिक्रॉन संस्करण जैसे अधिक सामान्य होता जा रहा है और अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक संक्रामक है। यह वैरिएंट उन लोगों में भी बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है, जिन्हें कोविड का टीका लग चुका है। जानकारों का कहना है कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है और सामान्य से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहा है।
'चीन में मचाई है तबाही'
चीन के कई शहरों में अराजकता और अस्थिरता फैलाने वाला कोविड का नया वैरिएंट सामने आया है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि बीजिंग सहित अन्य शहरों में वायरस से लड़ने की उनकी इमिउन सिस्टम कमजोर है , जिससे कई लोग चिंतित हैं।
भारत में क्या है स्थिति?
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि भारत में BF.7 का पता चला है जिसमे से अब तक दो मामले गुजरात से और एक मामला ओडिशा से सामने आया है।
चीन और अन्य देशों से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की रैंडम जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें कोविड-19 तो नहीं है। अमेरिका के कई राज्य भी इस वायरस से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं।
कर्नाटक सरकार ने आदेश दिया है कि कोविड-19 के मामलों में हालिया स्पाइक के आलोक में बेंगलुरु हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच की जाए। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले लोगों के किसी भी नमूने पर जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए।