चाणक्य नीति : स्वच्छता और सेहत के साथ किया खिलवाड़ , तो पड़ जाओगे बड़ी मुसीबत मे
चाणक्य नीति : चाणक्य नीति स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देती है और लोगों से इन क्षेत्रों में देखभाल करने का आग्रह करती है।

चाणक्य नीति
जब कोरोना वायरस फिर से पैर पसार रह था और लोग एक बार फिर इसके असर से डरने लगे थे । महामारी के रूप में इसने इतना बड़ा संकट खड़ा कर दिया कि चाणक्य की नीति इस बात पर प्रकाश डालती है कि बचाव कैसे किया जाए।
चाणक्य भारत के सबसे सम्मानित विद्वानों में से एक हैं। उन्हें आचार्य चाणक्य, विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय में छात्रों को शिक्षा और दीक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार थे। वह अर्थशास्त्र, सैन्य विज्ञान, समाजशास्त्र और नैतिकता सहित विभिन्न विषयों के अत्यंत जानकार थे। चाणक्य के अनुसार संकट आने पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
स्वास्थ्य को बनाएं बेहतर
चाणक्य के अनुसार किसी भी संकट से लड़ने का एकमात्र उपाय स्वस्थ रहना है, क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य के बिना कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है। आज के समय में चाणक्य की यह सलाह बहुत प्रासंगिक लगती है। कोविड 19 का खतरा अभी भी बहुत वास्तविक है और हमें इससे लड़ने और इसे हराने के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
स्वच्छता अपनाएं, रोग को भगाएं
स्वच्छता पर चाणक्य की शिक्षा महामारी के समय में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद के लिए स्वच्छता पर उनके नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
अनुशासित जीवन शैली
चाणक्य के अनुसार यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको एक अनुशासित दिनचर्या अपनानी चाहिए। ऐसा नहीं करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको भी जीवन के महत्व को जानना चाहिए।